ओलचिकी लिपि के जनक पंडित रघुनाथ मुर्मु का गुरुदर्शन दिवस मना
जनजातीय न्यूज नेटवर्क रिपोर्टर अजय मयूरभंज जिला मयूरभंज
रायरंगपुर 26 फरवरी – मन में भक्ति हाथों में पूजा की थाली लिए घंटों खड़े भक्त अपने आराध्य तथा ओलचिकी लिपि के जनक पंडित रघुनाथ मुरमू के दर्शन एवं पूजन के लिए हजारों की तादात में संताली लोग आतुर दिखे । स्वर्गीय पंडित रघुनाथ मुरमू के गुरुदर्शन दिवस में आज डांडबॉस डाहरडीह में हजारों की संख्या में भक्तगण लंबी लाइन में खड़े दिखे ।
“” ओल ताम मेनाअः,रोड़ ताम मेनाआः, धोरोम ताम मेनाअः ,तो आम होँ मेनामाः।
ओल एम अद् लेरे, रोड़ ऐम आद लेरे, धोरोम एम आद् लेरे, आम होम आदोःअ । “”
स्वर्गीय पंडित रघुनाथ मुरमू केस इस पंक्ति का भावार्थ धर्म , भाषा , लिपि के बिना संताली अस्तित्व विहीन है ।
प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी रायरंगपुर समीप डाँडबॉस स्थित डाहारडीह मे पारसी सिंञ चाँदो पंडित रघुनाथ मुर्मु महाल मांडवा के तरफ से गुरूदर्शन दिवस मनाया गया । प्रात से ही स्वर्गीय मुर्मू के समाधि स्थल पर हजारों की संख्या में भक्त पंक्तियों में खड़े रहकर पूजा के लिए दिखे । समीप तालाब में स्नान के बाद प्रसाद लिए समाधि स्थल पर विधिवत रूप से पूजा अर्चना किया गया साथ ही समाधि स्थल पर वस्त्र , फूल तथा सिगरेट चढ़ावा चढ़ाते हुए लोग दिखे । इसके पश्चात संथाली धर्म ग्रंथ
” हिताल “का सामूहिक रूप से पाठ किया गया । कार्यक्रम के समापन में ढोल मांदर की थाप पर विभिन्न राज्यों से आए आदिवासी महिलाएं तथा पुरुष नृत्य करते हुए दिखे इस वर्ष बिहार , झारखंड , उड़ीसा , असम , पश्चिम बंगाल तथा देश के कोने कोने से संताली संप्रदाय के लोगों का गुरुदर्शन दिवस में लगभग बीस हजार से भी अधिक भक्तों का समागम हुआ था ।री – मन में भक्ति हाथों में पूजा की थाली लिए घंटों खड़े भक्त अपने आराध्य तथा ओलचिकी लिपि के जनक पंडित रघुनाथ मुरमू के दर्शन एवं पूजन के लिए हजारों की तादात में संताली लोग आतुर दिखे । स्वर्गीय पंडित रघुनाथ मुरमू के गुरुदर्शन दिवस में आज डांडबॉस समय डाहरडीह में हजारों की संख्या में भक्तगण लंबी लाइन में खड़े दिखे ।
“” ओल ताम मेनाअः,रोड़ ताम मेनाआः, धोरोम ताम मेनाअः ,तो आम होँ मेनामाः।
ओल एम अद् लेरे, रोड़ ऐम आद लेरे, धोरोम एम आद् लेरे, आम होम आदोःअ । “”
स्वर्गीय पंडित रघुनाथ मुरमू केस इस पंक्ति का भावार्थ धर्म , भाषा , लिपि के बिना संताली अस्तित्व विहीन है ।
प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी रायरंगपुर समीप डाँडबॉस स्थित डाहारडीह मे पारसी सिंञ चाँदो पंडित रघुनाथ मुर्मु महाल मांडवा के तरफ से गुरूदर्शन दिवस मनाया गया । प्रात से ही स्वर्गीय मुर्मू के समाधि स्थल पर हजारों की संख्या में भक्त पंक्तियों में खड़े रहकर पूजा के लिए दिखे । समीप तालाब में स्नान के बाद प्रसाद लिए समाधि स्थल पर विधिवत रूप से पूजा अर्चना किया गया साथ ही समाधि स्थल पर वस्त्र , फूल तथा सिगरेट चढ़ावा चढ़ाते हुए लोग दिखे । इसके पश्चात संथाली धर्म ग्रंथ
” हिताल “का सामूहिक रूप से पाठ किया गया । कार्यक्रम के समापन में ढोल मांदर की थाप पर विभिन्न राज्यों से आए आदिवासी महिलाएं तथा पुरुष नृत्य करते हुए दिखे इस वर्ष बिहार , झारखंड , उड़ीसा , असम , पश्चिम बंगाल तथा देश के कोने कोने से संताली संप्रदाय के लोगों का गुरुदर्शन दिवस में लगभग बीस हजार से भी अधिक भक्तों का समागम हुआ था ।