छत्तीसगढ़ राज्यपाल अनुसुईया उइके सल्फीपदर गांव को गोद लेंगी

आदिवासी जनजातीय न्यूज नेटवर्क स्टेट हेड ने सुजीत सिघ परिहार रायपुर द्वारा
छत्तीसगढ़ राज्यपाल अनुसुईया उइके सल्फीपदर गांव को गोद लेंगी
छत्तीसगढ़ में यह पहला अवसर है जब किसी राज्यपाल ने किसी गांव को गोद लिया है।
वनों की सुरक्षा और काली मीर्च की खेती में अलग पहचान बना रहे कोंडागांव के सल्फीपदर गांव को राज्यपाल अनुसुईया उइके गोद लेंगी। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि वास्तव में जल जंगल जमीन पर आदिवासियों का अधिकार है। वे वनों के असली मालिक हैं। वे सदियों से वनों की रक्षा करते आए हैं। उन्होंने कहा कि 5वीं अनुसूची के तहत ग्रामसभा को व्यापक अधिकार दिए गए हैं। उक्त किसानों की पानी के समस्या और काली मिर्च की खेती से संबंधित आवश्यकताओं का प्रस्ताव बनाकर ग्रामसभा के माध्यम से प्रशासन को प्रेषित करें। प्रशासन की तरफ से अवश्य मदद की जाएगी।
सल्फीपदर के आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने गुस्र्वार को राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की। इस दौरान राज्यपाल ने गांव को गोद लेने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस क्षेत्र का दौरा करेंगी। यह पहला मौका है जब राज्य में राज्यपाल ने किसी गांव को गोद लिया है। इसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के साथ प्रेरित करना है।
राज्यपाल ने कहा कि वास्तव में जल जंगल जमीन पर आदिवासियों का अधिकार है। वे वनों के असली मालिक हैं। वे सदियों से वनों की रक्षा करते आए हैं। उन्होंने कहा कि 5वीं अनुसूची के तहत ग्रामसभा को व्यापक अधिकार दिए गए हैं। उक्त किसानों की पानी के समस्या और काली मिर्च की खेती से संबंधित आवश्यकताओं का प्रस्ताव बनाकर ग्रामसभा के माध्यम से प्रशासन को प्रेषित करें। प्रशासन की तरफ से अवश्य मदद की जाएगी।
सल्फीपदर गांव बस्तर संभाग के कोंडगांव जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित लंजोडा का आश्रित गांव है।