नवरात्रि और दशहरा उत्सव माता दुर्गा के भक्तों में लीन भक्त दहकते अंगारों पर नंगे पांव चलने का नजारा
ओडिशाआदिवासी न्यूज़ रिपोर्टर मनोज आस्था एवं भक्ति के प्रतीक का पर्व है निया मंडा पर्व
इस ऐतिहासिक त्यौहार में माता दुर्गा के भक्तों में लीन भक्त दहकते अंगारों पर नंगे पांव चलने का नजारा देखने को मिलता है इसे देखने के लिए अलग-अलग राज्यों से भारी मात्रा में भक्तों का समागम होता है
आदिवासी बहुल मयूरभंज जिला के बहलदा ब्लाक अंतर्गत कोणो गांव में इस ऐतिहासिक पर्व को देखने का नजारा मिलता है इस गांव के मंदिर में कोई प्रतिमा नहीं है इस शक्ति पीठ पर 16 दिन से मां दुर्गा का विधिवत रूप से पूजा अर्चना किया जाता है एवं 17 दिन नियाँ मान्डा अर्थात खोन्दा मान्डा पर्व मनाया जाता है माता के दरबार में जो भक्त गण अपनी मनोकामना पूरी कर चुके होते हैं वह भक्त इस कार्यक्रम में भाग लेते हैं प्रातः गांव के पूजक अर्थात देहुरी गांव समीप जाहिरा स्थल पर जाकर पूजा अर्चना किया जाता है तत्पश्चात सामूहिक स्नान के पश्चात मंदिर परिसर पर भक्तगण पहुंचते हैं इस त्यौहार में समानांतरल 3 बड़े लंबे चूल्हा का निर्माण किया जाता है तथा उस पर दहकते अंगारों को रखा जाता है सर्वप्रथम भक्तों को दूध से नहलाया जाता है इसके पश्चात कंधे पर तलवार लेकर धड़कते अंगारों पर भक्तगण चलकर पार होते हैं मां दुर्गा के भक्ति में लीन भक्तों के पांव पर भक्ति अंगारों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है उपवास रखी इन भक्तों को दासी कहा जाता है
इस ऐतिहासिक त्यौहार को देखने के लिए झारखंड पश्चिम बंगाल बिहार ओडिशा से हजारों की संख्या में भक्तगणो का समागम होता है भक्तों एवं दर्शकों की सुविधा के लिए मां दुर्गा पूजा कमेटी कोणो, कमेटी के सदस्यों द्वारा समुचित रूप से व्यवस्था की जाती है.
आदिवासी बहुल मयूरभंज जिला के बहलदा ब्लाक के कोणो गांव में इस ऐतिहासिक त्योहार को देखने का नजारा मिलता है । आस्था एवं भक्ति के प्रतीक का पर्व है निया मंडा पर्व ।
इस ऐतिहासिक त्यौहार में माता दुर्गा के भक्तों में लीन भक्त दहकते अंगारों पर नंगे पांव चलने का नजारा देखने को मिलता है.
नवरात्रि और दशहरा उत्सव माता दुर्गा के भक्तों में लीन भक्त दहकते अंगारों पर नंगे पांव चलने का नजारा